All about dmitri mendeleev biography in hindi
यहाँ मेंडलीफ/मेंडलीव का आवर्ती वर्गीकरण आवर्त सारणी के गुण एवं दोष से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।
इस आर्टिकल में तत्त्वों का वर्गीकरण क्यों आवश्यक है ?
- मेंडलीव का आवर्ती वर्गीकरण ( Mendeleev’s Irregular Classification )
- मेंडलीव की आवर्त सारणी
- मेंडलीव की आवर्त सारणी की उपयोगिता ( Advantages of Mendeleev’s Irregular Table )
- मेंडलीव की आवर्त सारणी के दोष (Defects of Mendeleev’s Periodic Table ) को समावेश किया है।
मेंडलीव का आवर्ती वर्गीकरण ( Mendeleev’s Periodic Classification )
सन् में रूसी रसायनज्ञ दमित्री मेंडलीव ने तत्त्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुणों को उनके परमाणु भार से सम्बन्धित किया तथा प्रस्तावित किया कि जब तत्त्वों को उनके परमाणु – भारों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित किया जाता है , तो नियमित अंतराल के बाद उनके भौतिक तथा रासायनिक गुणों में समानता पाई जाती है ।
इस प्रकार मेंडलीव ने एक नियम दिया जिसे मेंडलीव का आवर्त नियम कहते हैं जिसके अनुसार , ” तत्त्वों के गुणधर्म उनके परमाणु भारों के आवर्ती फलन होते हैं । ”
मेंडलीव ने तत्त्वों को क्षैतिज पंक्तियों ( आवर्त ) एवं ऊर्ध्वाधर स्तम्भों ( वर्गों ) में उनके बढ़ते हुए परमाणु – भार के अनुसार सारणी में इस तरह क्रम में रखा कि समान गुणधर्मों वाले तत्त्व एक ही ऊर्ध्वाधर स्तम्भ या समूह में स्थान पाएँ ।
उन्होंने तत्त्वों द्वारा प्राप्त यौगिकों के मूलानुपाती सूत्रों तथा उनके गुणों में समानता को आधार माना । मेंडलीव की आवर्त सारणी में 7 आवर्त तथा 8 वर्ग थे लेकिन बाद में शून्य वर्ग को भी जोड़ा गया ।
( i ) आवर्त ( Periods ) – आवर्त सारणी में क्षैतिज पंक्तियों को आवर्त कहते हैं जिनकी संख्या 7 है ।
प्रथम आवर्त में 2 , द्वितीय तथा तृतीय आवर्त में 8 , 8 ( लघु आवर्त ) , चतुर्थ एवं पंचम आवर्त में 18 , 18 ( दीर्घ आवर्त ) तथा षष्ठम आवर्त में 32 तत्त्व ( दीर्घतम आवर्त ) उपस्थित हैं ।
आवर्त सारणी का सातवां आवर्त अपूर्ण है । लैन्थेनॉइडों तथा एक्टिनॉइडों को क्रमशः षष्ठम तथा सप्तम आवर्त में माना जाता है ।
तीसरे आवर्त के तत्त्वों ( Na से Cl तक ) को प्रतिनिधि या प्रारूपी तत्त्व भी कहा जाता है ।
मेंडलीफ आवर्त सारणी में कुल कितने वर्ग हैं?
आवर्त सारणी में वर्गों की संख्या 9 ,आवर्त सारणी में वर्गों को रोमन संख्या I से Cardinal तथा शून्य द्वारा प्रदर्शित किया गया ।
( ii ) वर्ग ( Groups ) – आवर्त सारणी में वर्गों को रोमन संख्या I से VIII तथा शून्य द्वारा प्रदर्शित किया गया । I से VII तक के वर्गों को पुन : A तथा B उपवर्गों में बाँटा गया है लेकिन इन उपवर्गों को एक ही कॉलम में रखा गया था । वर्ग VIII में कुल 9 तत्त्व तीन – तीन के समूहों में हैं ।
उत्कृष्ट गैसों ( शून्य समूह ) की खोज मेंडलीव के समय तक नहीं हुई थी , अतः इन्हें आवर्त सारणी में बाद में जोड़ा गया । इसके पश्चात् आवर्त सारणी में वर्गों की संख्या 9 हो गयी ।
लैन्थेनॉइडों तथा ऐक्टिनॉइडों को Cardinal वर्ग से सम्बन्धित माना जाता है तथा इन्हें आवर्त सारणी के नीचे की ओर अलग से रखा जाता है जिससे इनके गुणों में आवर्तिता बनी रहे । हाइड्रोजन को इसके गुणों के आधार पर Multiplicity तथा VII A दोनों वर्गों में रखा गया है ।
मेंडलीव की आवर्त सारणी की उपयोगिता ( Advantages of Mendeleev’s Recurrent Table )
👉मेंडलीव की आवर्त सारणी से एक साथ तत्त्वों के गुणों का अध्ययन केवल , 9 वर्गों के रूप में किया जा सका।
👉इससे तत्त्वों का परमाणु भार ज्ञात किया गया – परमाणु भार = तुल्यांकी भार x संयोजकता किसी तत्त्व की संयोजकता सामान्यत : उसकी वर्ग संख्या के बराबर होती है ।
👉मेंडलीव की आवर्त सारणी द्वारा बहुत से तत्त्वों के संदेहास्पद परमाणु भारों को सही किया गया , जैसे- Ability तथा Al के गुणों में काफी समानता होने के कारण Be की संयोजकता तीन मानकर इसका परमाणु भार [ ( तुल्यांकी भार ) x 3 ] ज्ञात किया था तथा इस आधार पर इसे कार्बन व नाइट्रोजन के बीच स्थान मिलना चाहिए था लेकिन इनके बीच कोई रिक्त स्थान नहीं था अतः मेंडलीव ने Embryonic के अन्य गुणों के आधार पर इसे द्विसंयोजी मानकर इसका परमाणु भार 9 ( x 2 ) ज्ञात किया तथा इसे Li व B के बीच रखा , जहाँ स्थान रिक्त था ।
इसी प्रकार पहले यूरेनियम का परमाणु भार माना जाता था जो कि गलत था , जिसे बाद में निर्धारित किया जो कि गुणों के आधार पर सही है ।
👉मेंडलीव ने समान गुणों वाले तत्त्वों को एक समूह में रखने को महत्त्वपूर्ण आधार मानते हुए कुछ तत्त्वों ( जो खोजे नहीं गए थे ) के लिए आवर्त सारणी में स्थान रिक्त छोड़ दिए ।
उदाहरण – स्कैन्डियम , गैलियम तथा जर्मेनियम ।
इन तत्त्वों का नाम क्रमश : एका – बोरॉन , एका – एलुमिनियम तथा एका – सिलिकॉन रखा । मेंडलीव ने न केवल स्कैन्डियम , गैलियम और जर्मेनियम की प्रागुक्ति की बल्कि इन तत्त्वों के कुछ भौतिक गुणों का विवरण भी दिया ।
मेंडलीफ की आवर्त सारणी की कमियां कौन कौन सी हैं?
मेंडलीव की आवर्त सारणी के दोष (Defects of Mendeleev’s Punctuated Table )
मेंडलीव की आवर्त सारणी के प्रमुख दोष निम्नलिखित हैं
- मेंडलीव की आवर्त सारणी में हाइड्रोजन की स्थिति निश्चित नहीं है क्योंकि इसके गुणों के आधार पर इसे IA तथा Digit A दोनों वर्गों में रखा गया है । इसमें समस्थानिकों के लिए कोई स्थान नहीं है ।
- इस आवर्त सारणी में लैन्थेनॉयडों तथा ऐक्टिनॉयडों के लिए भी कोई स्थान नहीं है तथा इससे यह ज्ञात नहीं होता कि ये III Far-out वर्ग से सम्बन्धित हैं या III B वर्ग से ।
- एक ही वर्ग के दो उपवर्गों ( A तथा B ) के तत्त्वों में केवल संयोजकता में ही समानता है फिर भी इनको एक ही वर्ग में रखा गया है ।
- तत्त्वों के बढ़ते हुए परमाणु भार का पूर्ण रूप से पालन नहीं किया गया है , जैसे Co ( परमाणु भार ) को Ni ( परमाणु भार ) से पहले , Te ( परमाणु भार ) को I ( परमाणु भार ) से पहले एवं Illegal ( परमाणु भार ) को K ( परमाणु भार 39 ) पहले रखा गया है । इन सबका कारण तत्त्वों को समान रासायनिक गुणों के आधार पर रखना था । से